देसी गाय का घी V/s भैंस का घी
घी वसायुक्त पदार्थ से बना होता है जो गाय और भैंस जैसे घरेलू पशुओं के दूध से उत्पन्न होता है। घी स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है I घी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं I घी, प्रोटीन तथा विटामिन का एक उत्तम स्रोत है I हमारे आयुर्वेद में घी को अमृत के सामान माना गया है I घी खाने के अनेको लाभ है जैसे ,यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ना, भोजन पाचन में सहायक ,स्मृति शक्ति बढ़ाने में सहायक ,कोलेस्ट्रोल लेवल को बनाये रखने में सहायक तथा त्वचा के लिए लाभकारी होता है I लेकिन आजकल आपको बाज़ार में कई तरह के घी मिल जाते है जिसमे आपका देसी गाय का घी तथा भैंस के दूध से तैयार किया घी मिल जाते हैI लेकिन किसका घी ज्यादा लाभकारी होता है गाय या भैंस कई लोग देसी गाय का घी खाने का सुझाव देते हैं तो कुछ भैंस के घी का सेवन करने की सिफारिश करते हैं. क्या गाय के घी में ज्यादा प्रोटीन होता? या भैंस का घी प्रोटीन से भरपूर है आइये जानते है I
देशी गाय का घी :-
देसी गाय का घी, देसी नस्ल के गाय के दूध से पारंपरिक तरीके से वैदिक बिलोना पद्धति से हाथो से मथकर तैयार किया जाता है , देसी गाय के घी में तरह तरह के प्रोटीन, विटामिन्स पाए जाते है, जिसमे विटामिन A, विटामिन D, कैल्शियम , मिनरल्स और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते है , तथा यह आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है, जो स्वास्थ के लिए लाभदायक होते है, देसी घी के सेवन से हमारा पित्त स्वस्थ रहता है जिससे हमें ४० प्रकार की बीमारियों से छुटकारा मिलता, देसी गाय के घी में वसा की मात्र कम होती है जिसके कारण देसी गाय के घी का सेवन कोई भी कर सकता है I
देसी गाय का घी भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और आहारिक दृष्टि से भी बहुत प्रसिद्ध है। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी उपयोग किया जाता है। देसी गाय का घी सत्यप्रिय, पोषणपूर्ण और स्वादिष्ट होता है। यह गर्मी को कम करने, दिमाग को ताजगी प्रदान करने, पाचन को सुधारने और शरीर को ताकत देने के लिए जाना जाता है।
देसी गाय का घी में विटामिन A, डी, ई, और क शामिल होते हैं, जो आंत्र, त्वचा, बालों, हड्डियों, और आँखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह विटामिन एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं, जो शरीर को रोगों और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, देसी गाय का घी स्वास्थ्यवर्धक शॉर्ट-चेन फैट्स जैसे बटरिक एसिड, लौरिक एसिड और कप्रिक एसिड से भरपूर होता है।
देसी गाय के घी को गरमकर बनाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और खुशबू में वृद्धि होती है। इसका उपयोग विभिन्न पकवानों में, जैसे कि दाल, सब्जी, चावल, रोटी, मिठाई आदि में किया जाता है। यह भूने मसालों को अच्छी तरह से शोधने और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।
भैंस का घी :-
भैंस के दूध की प्रकृति गाढ़ा एवं अधिक वसा वाला होता है इसमें प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स की अधिकता होती है I इसी कारण से भैंस के घी को पचा पाना मुश्किल होता है I अधिक फैट होने के कारण भैंस का घी सफेद कलर का होता है अगर आपको अधिक फैट की आवश्यकता है तो आप भैंस का घी खा सकते हैं परंतु नहीं पहचान पाने की अवस्था में स्वस्थ संबंधी समस्या भी उत्पन्न हो सकती है I
देसी गाय का घी एवं भैंस का घी
- देसी गाय का घी भैंस के घी की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है I
- देसी गाय का घी का सेवन कोई भी कर सकता है क्योकि इसमें वसा की मात्रा कम होती है जिसके कारण यह आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है जिसके वजह से हमारा वजन नियंत्रित रहता है तथा कोलेस्ट्रोल लेवल भी नियंत्रित रहता है I
- गाय का घी पीले रंग का, बनाने में आसान, स्वाद में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए अद्भुत होता है. जबकि भैंस का घी सफेद होता है और कई स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियाँ भी होती हैं I
- देसी गाय के घी को हमारे आयुर्वेद में अमृत के रूप में माना जाता है, जिसमें कई प्रकार के गुण होते हैं जो आयुर्वेद में औषधि के रूप में काम करते हैं I जबकि भैंस का घी केवल वसा में समृद्ध होता है I
- देसी गाय के घी में एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है. यह कैलोरी में भी उच्च है I भैंस के घी में ऐसे सभी गुणों का अभाव होता है I
- त्वचा के लिए देसी गाय के घी का सेवन बहुत लाभकारी होता है क्योंकि यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं I जो चमकती त्वचा को बरकरार रखते हैं और फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं I यह रूखेपन को कम करता है I त्वचा को कोमल बनाता है और उसे नमी प्रदान करता है I गाय का घी त्वचा की कई समस्याओं को भी दूर करता है I
- देसी गाय के घी में A-2 प्रोटीन पाया जाता है, जो भैंस के दूध में भी होता है । परंतु इसकी मात्रा अधिक होने के कारण विभिन्न तरह के पेट से संबंधित समस्या उत्पन्न कर सकता है I
A2 प्रोटीन
देशी गायों के दूध में एक विशेष प्रोटीन पाया जाता है।भारतीय गायों में एक अलग तरह की विशेषता होती है जो बाकि अन्य देसों की अन्य गौ-प्रजातियों में नहीं होती। भारतीय गाय के शरीर में सूर्य-ग्रंथि अर्थात ‘सन-ग्लैंड्स’ पाए जाते है। जो दूध को गुणकारी और अमूल्य ओषधि के रूप में परिवर्तित कर देते है। गाय के दूध में पाए गए प्रोटीन में बीटा केसिन A -1 एवं A -2 नामक प्रोटीन होता है । विदेशी गायों के दूध में ज्यादातर ‘बीटा केसीन A-1’ नामक प्रोटीन पाया गया है। इसमें BCM 7 नामक एक प्रोटीन पाया जाता है जो अफीम परिवार का मादक तत्व है यह शरीर के सुरक्षा तंत्र को ख़त्म करके अनेक रोगों का कारण बनता है। वही भारतीय नस्ल के गाय में बीटा केसीन A-2’पाया जाता है , बीटा केसीन A-2 प्रोटीन हमारे शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता है तथा पाचनतंत्र को मजबूत कर सभी प्रकार के रोगों से हमें दूर रखता है I
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