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Testimonials/प्रशंसापत्र


Key Highlights:

✔️ तर्क और बुद्धि के आधार पर शंका समाधान

पुस्तक में सनातन धर्म से संबंधित आम शंकाओं का समाधान तर्कपूर्ण दृष्टिकोण और विज्ञान के आधार पर किया गया है, जिससे पाठक अपनी शंकाओं का उत्तर वैज्ञानिक और तर्कसंगत रूप में पा सकें।

✔️ वेदों और शास्त्रों का प्रमाण

सनातन धर्म को समझाने के लिए वेद, उपनिषद, गीता, और अन्य शास्त्रों के प्रमाण दिए गए हैं, जो धर्म के मूल सिद्धांतों की सटीक जानकारी प्रदान करते हैं।

✔️ धर्म और विज्ञान का समन्वय

पुस्तक में यह समझाने का प्रयास किया गया है कि धर्म और विज्ञान में कोई विरोध नहीं है। सनातन धर्म के विभिन्न सिद्धांतों को विज्ञान के दृष्टि से समझाकर उन्हें  और प्रासंगिक बनाया गया है।

✔️ प्राचीन ज्ञान का आधुनिक दृष्टिकोण

यह पुस्तक प्राचीन वैदिक ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करती है, जिससे युवा और नये विचारधारा के लोग भी इस ज्ञान से जुड़ सकें।

✔️ धर्म के व्यावहारिक पक्ष

जीवन में धर्म के महत्व और उसके व्यावहारिक पक्ष पर विशेष ध्यान दिया गया है, जो दैनिक जीवन में इसकी उपयोगिता को दर्शाता है।

✔️ आध्यात्मिक और नैतिक विकास

यह पुस्तक पाठकों को नैतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने का प्रयास करती है ताकि वे अपने जीवन को अधिक संतुलित और सुखमय बना सकें।

✔️ सनातन धर्म का वैज्ञानिक पक्ष

धर्म के प्रति अंधविश्वास को तोड़ते हुए इसका वैज्ञानिक पक्ष समझाने का प्रयास किया गया है, जिससे कि पाठक इसे आधुनिक युग में भी प्रासंगिक समझ सकें।

✔️ संवाद शैली में लेखन

पुस्तक में शंकाओं को संवाद शैली में प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों को ऐसा अनुभव होता है कि उनके प्रश्नों का उत्तर सीधा-सीधा दिया जा रहा है।

✔️ प्रामाणिक स्रोतों का संकलन

इसमें सभी जानकारी प्रामाणिक स्रोतों पर आधारित है, जो सनातन धर्म के प्रति लोगों की श्रद्धा और समझ को गहराई से बढ़ाने में सहायक है।


What will you learn:

✅ सनातन धर्म की शंकाओं का समाधान

पाठकों को सनातन धर्म से जुड़ी सामान्य शंकाओं का तार्किक और वैज्ञानिक समाधान मिलेगा। इससे उनकी धार्मिक जिज्ञासाएँ शांत होंगी और विश्वास अधिक दृढ़ होगा।

✅ धर्म और विज्ञान के बीच सामंजस्य

इस पुस्तक से पाठक जानेंगे कि किस प्रकार धर्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं। इससे धार्मिक आस्था के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होगा और अंधविश्वास का परित्याग संभव होगा।

✅ वेदों और शास्त्रों की प्रामाणिकता का अनुभव

पाठकों को वैदिक शास्त्रों जैसे वेद, उपनिषद, और गीता का गहन ज्ञान मिलेगा, जिससे वे इन ग्रंथों की प्रमाणिकता और उसमें निहित ज्ञान को समझ सकेंगे।

✅ आध्यात्मिक और नैतिक विकास

यह पुस्तक व्यक्ति के आत्म-विकास पर जोर देती है। पाठकों को अपने नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए प्रेरणा मिलेगी, जिससे उनके जीवन में संतुलन और शांति आएगी।

✅ प्राचीन ज्ञान का आधुनिक महत्व

इस पुस्तक के माध्यम से पाठक समझेंगे कि सनातन धर्म की शिक्षाएँ आधुनिक जीवन में भी कैसे प्रासंगिक हैं। वे इस ज्ञान का उपयोग अपने जीवन को अधिक सफल और संतुलित बनाने में कर सकते हैं।

✅ जीवन में धर्म का व्यावहारिक उपयोग

पाठक जानेंगे कि धर्म केवल एक आस्था नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक शैली है। इसका व्यावहारिक उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसका ज्ञान उन्हें उनके दैनिक जीवन में लाभान्वित करेगा।

✅ धार्मिक ज्ञान के प्रति वैज्ञानिक दृष्टिकोण

इस पुस्तक में धार्मिक सिद्धांतों को वैज्ञानिक और तर्कसंगत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे पाठकों में गहरी समझ उत्पन्न होगी और वे अपने विश्वास को प्रमाणों के साथ सशक्त कर सकेंगे।

✅ समग्र दृष्टिकोण का विकास

पाठक न केवल धार्मिक ग्रंथों को समझेंगे बल्कि उनका व्यावहारिक दृष्टिकोण भी विकसित करेंगे, जो उन्हें अपनी जिज्ञासाओं का उत्तर खोजने और जीवन के उद्देश्यों को सही दिशा देने में सहायक होगा।

✅ आत्म-चिंतन और व्यक्तिगत सुधार

यह पुस्तक पाठकों को आत्म-चिंतन के लिए प्रेरित करेगी, जिससे वे अपने विचारों, आचरण और व्यवहार में सुधार कर सकें। यह व्यक्तिगत और सामाजिक सुधार में भी सहायक होगा।

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 Frequently Asked Questions (FAQs) 

    1. यह पुस्तक किसके लिए है?
यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो सनातन धर्म को गहराई से समझना चाहते हैं – चाहे आप धार्मिक हों या जिज्ञासु, यह पुस्तक हर किसी के लिए उपयुक्त है।

    2. क्या इस पुस्तक में केवल शास्त्र प्रमाण हैं?
इस पुस्तक में शास्त्र प्रमाण के साथ-साथ तर्क और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किए गए हैं, ताकि सनातन धर्म की समझ पूरी तरह से प्रमाणिक और तर्कसंगत    हो।

    3. क्या पुस्तक की सामग्री को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है?
हाँ, पुस्तक की भाषा सरल और स्पष्ट है ताकि हर पाठक इसे आसानी से समझ सके।

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विवरण:

✅ भारतीय सभ्यता और संस्कृति की जड़ें अत्यंत प्राचीन और समृद्ध हैं, जिनकी नींव सनातन वैदिक धर्म पर आधारित है। यह धर्म केवल पूजा-अर्चना का मार्ग नहीं है, बल्कि जीवन जीने की कला, आध्यात्मिक प्रगति और मानवता के कल्याण की दिशा में मार्गदर्शन देने वाला एक व्यापक जीवनदर्शन है। युगों-युगों से, इस धर्म ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किकता, और वैदिक ज्ञान के माध्यम से मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को सार्थक और संतुलित बनाने का प्रयास किया है।

हालांकि, आधुनिक युग में तकनीकी उन्नति और वैज्ञानिक विकास ने कई लोगों के मन में शास्त्रों, धार्मिक सिद्धांतों और वैदिक ज्ञान के प्रति संदेह उत्पन्न किए हैं। वे यह प्रश्न उठाते हैं कि क्या सनातन धर्म का ज्ञान आज के युग में भी प्रासंगिक है? क्या वैदिक ऋचाएँ और उपनिषदों में दी गई शिक्षाएँ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सत्यापित की जा सकती हैं? ऐसे ही प्रत्येक प्रश्नों और शंकाओं का समाधान प्रस्तुत पुस्तक के माध्यम से दिया गया है।

✅ इस पुस्तक का उद्देश्य है कि वह पाठकों को तर्क, बुद्धि, शास्त्र प्रमाण और विज्ञान के आधार पर सनातन वैदिक धर्म की गहनता को समझने में सहायता प्रदान करे। इसमें उन शंकाओं का उत्तर देने का प्रयास किया गया है जो सनातन धर्म और आधुनिक विज्ञान के मध्य विरोधाभास उत्पन्न करती हैं। इस प्रयास में हमने वेद, उपनिषद, ब्राह्मण ग्रंथ, षड्दर्शन, गीता तथा अन्य वैदिक ग्रंथों के साथ-साथ आधुनिक विज्ञान के सिद्धांतों का तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया है, परंतु हमें यहां भी ज्ञात होना चाहिए कि जिस प्रकार किसी भी विवाद के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अंतिम और सर्वमान्य होता है, उसी प्रकार धर्म से जुड़ी जिज्ञासाओं और विवादों के समाधान के लिए वेदों का निर्णय सर्वोपरि और अंतिम प्रमाण माना जाता है। जब भी किसी विषय पर वेद और किसी अन्य ग्रंथ के मध्य विरोधाभास या मतभेद उत्पन्न होता है, तो वेद ही सर्वमान्य होते हैं और उनका निर्णय ही अंतिम प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाता है।


विषय सूची
1. वैदिक सनातन धर्म के मूल सिद्धांत
2. मनुष्य जन्म का उद्देश्य: वेदों के अनुसार
3. पंच क्लेश: पांच प्रकार के मिथ्या ज्ञान
4. धर्म क्या है?
5. स्वधर्म और आपद्धर्म
6. छ: प्रकार की वास्तविक संपत्ति
7. मनुष्य जन्म की सफलता का मापदंड
8. अध्यात्म क्या है?
9. अभ्यास और वैराग्य
10. ज्ञान, कर्म एवं उपासना योग
11. कर्म एवं कर्म फल सिद्धांत
12. कर्म के अनुसार पुनर्जन्म
13. वेदों में परमात्मा का स्वरूप
14. आत्मा का स्वरूप
15. मोक्ष क्या है?
16. मोक्ष प्राप्ति के साधन : अष्टांग योग
17. वैदिक आश्रम व्यवस्था: जीवन के चार चरण
18. ब्रह्मचर्य
19. गृहस्थ आश्रम एवं मोक्ष
20. वैदिक सोलह संस्कार
21. रामायण की नैतिक शिक्षाएं एवं उनका व्यावहारिक अनुप्रयोग
22. महाभारत की नैतिक शिक्षाएं एवं व्यवहारिक अनुप्रयोग
23. भगवत गीता की नैतिक शिक्षाएं एवं उनका व्यावहारिक अनुप्रयोग
24. मनुस्मृति एवं उसका वैश्विक प्रभाव
25. वैदिक सभ्यता
26. वेदांग क्या है?
27. फलित ज्योतिष और वेदांग ज्योतिष: तुलनात्मक अध्ययन
28. वैदिक साहित्य परिचय
29. वेद क्या हैं?
30. वेदों में विज्ञान
31. वेद और पुराण: तुलनात्मक विश्लेषण
32. त्रिगुणात्मक प्रकृति
33. इंद्रियां,मन और अंतःकरण
34. स्वप्न अवस्था
35. वर्ण व्यवस्था
36. जाति और जातिवाद
37. यज्ञ/अग्निहोत्र का महत्व
38. पंच महायज्ञ
39. तैंतीस कोटि देव
40. माँसाहार: एक वैदिक दृष्टिकोण
41. अष्ट प्रमाण
42. आर्य कौन है?
43. विवाह: उचित या अनुचित
44. वैदिक धन उपार्जन सिद्धांत
45. भारत विश्व गुरु
46. वैदिक ऋषि और उनके आविष्कार
47. आयुर्वेद
48. नमस्ते: एक आदर्श अभिवादन
49. सृष्टि उत्पत्ति
50. वैदिक यज्ञ: अश्वमेध, नरमेध, अजमेध, गोमेध
51. दान का वास्तविक अर्थ
52. शरीर एवं आत्मा की विभिन्न अवस्थाएं
53. भारतीय दर्शन
54. अद्वैतवाद, विशिष्टाद्वैतवाद, द्वैतवाद, और शुद्धाद्वैतवाद
55. वेदों में नारी का स्थान
56. वेदों में जादू-टोने की भ्रांति
57. मूर्तिपूजा एवं अवतारवाद
58. अष्ट चक्र
59. ईश्वरीय ग्रंथ की पहचान
60. ब्रह्म मुहूर्त
61. वैदिक नित्य दिनचर्या
62. नित्य वैदिक प्रार्थना मंत्र
63. महत्वपूर्ण वैदिक मंत्र अर्थ सहित
64. संस्कृत भाषा
65. अष्ट सिद्धियाँ
66. साम, दाम, दंड, भेद: चार प्रकार के बल
67. भारत में गुरुकुल परंपरा होते हुए गुलामी कैसे संभव हुई
68. भारत का उन्नत ज्ञान-विज्ञान अन्य देशों तक कैसे फैला
69. उपवास का अर्थ
70. काल और समय
71. शास्त्र में हुए मिलावट को कैसे पहचाने
72. वैदिक पर्व
73. वैदिक विज्ञान Vs आधुनिक विज्ञान
74. शंका समाधान प्रश्नोत्तरी
प्रश्न. 1 – क्या ईश्वर है? यदि है तो दिखाई क्यों नहीं देता है?
प्रश्न. 2 – क्या ईश्वर अवतार लेते हैं?
प्रश्न. 3 – यदि ईश्वर अवतार नहीं लेते तो श्री राम, श्री कृष्ण कौन है?
प्रश्न. 4 – ब्रह्मा, विष्णु और शिव कौन है ?
प्रश्न. 5 – इंद्र कौन है ?
प्रश्न. 6 – मंदिर शब्द का अर्थ, मंदिर जाना उचित या अनुचित है ?
प्रश्न. 7 – परमात्मा का सर्वश्रेष्ठ नाम क्या है ?
प्रश्न. 8 – क्या रामायण और महाभारत काल्पनिक हैं?
प्रश्न. 9 – श्री कृष्ण कौन है ?
प्रश्न. 10 – श्री राम कौन है ?
प्रश्न. 11 – क्या हनुमान जी बंदर थे ?
प्रश्न. 12 – शिव जी कौन है ?
प्रश्न. 13 – पितर/पितृपक्ष, श्रद्धा और तर्पण क्या है ?
प्रश्न. 14 – क्या भूत प्रेत होते हैं ?
प्रश्न. 15 – क्या मूर्ति में परमात्मा है ?
प्रश्न. 16 – क्या 84 लाख योनियाँ होती है ?
प्रश्न. 17 – स्वर्ग और नर्क क्या है ?
प्रश्न. 18 – भाग्य बड़ा है या कर्म?
प्रश्न. 19 – धर्म बड़ा है या कर्म?
प्रश्न. 20 – परमात्मा के मुख्य कार्य कौन-कौन से हैं?
प्रश्न. 21 – क्या हम परमात्मा को पूर्ण रूप से जान सकते हैं ?
प्रश्न. 22 – परमात्मा की उपासना के क्या लाभ है?
प्रश्न. 23 – परमात्मा की उपासना कैसे की जाती है?
प्रश्न. 24 – क्या गंगा में डुबकी, पूजा-पाठ, कथा, यज्ञ, हवन अथवा प्रायश्चित करने से पाप धुल जाते हैं?
प्रश्न. 25 – दु:ख क्या है यह कितने प्रकार के होते हैं?
प्रश्न. 26 – क्या गाय हमारी माता है?
प्रश्न. 27 – सप्तर्षि कौन है?
प्रश्न. 28 – क्या नाम जप, पूजा पाठ से ईश्वर की प्राप्ति संभव है?
प्रश्न. 29 – क्या वेदों में मिलावट संभव है ?
प्रश्न. 30 – क्या तीर्थ यात्रा से पाप धुलते हैं ?
प्रश्न. 31 – क्या द्रौपदी के पांच पति थे ?
प्रश्न. 32 – गुरु कौन है और किसे गुरु बनाना चाहिए ?

Weight 1 kg
Dimensions 16 × 16 × 16 cm

24 reviews for Vaidik Sanatan Dharma (Shanka Samadhan) Paperback Book (Hard Copy)

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  1. Stupendous..exreamly impressive. No words

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  2. Very good book must read for everyone

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  3. Wonderful Book..There are a lot of scriptures in Sanatan Dharma, so it is very difficult to find time to read them. This book is very useful and a good option for all of them. There cannot be a better book than this to understand Actual Sanatan Dharma to learn quickly and accurately…many many thanks

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  4. I have read this book. The way author has put all the matter is very nice. I should tell the youngester to read this book and know about sanatan dharma. Regards

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  5. सच में पुस्तक बहुत ही उपयोगी एवं अच्छी है I लेखक से अनुरोध है कि इसका द्वितीय भाग भी शीघ्र से शीघ्र लाने का प्रयास करें और अन्य भाषाओं में अवश्य ट्रांसलेट करें

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