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हमारे प्राचीन ग्रंथों में छिपा ज्ञान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना हजारों वर्ष पहले था।
“नैतिक शिक्षा (व्यक्तिगत विकास का आधार)” आपको रामायण, महाभारत, भगवद गीता और उपनिषदों की अमूल्य शिक्षाओं के माध्यम से जीवन के मूलभूत सिद्धांतों, नैतिकता, और व्यक्तिगत विकास की ओर प्रेरित करती है।
यह पुस्तक न केवल आपकी सोच को नया दृष्टिकोण देगी, बल्कि आपके जीवन में नैतिकता, अनुशासन, और सकारात्मकता का एक नया आयाम भी जोड़ेगी।
✅ लेखक – आचार्य दीपक (वैदिक विद्वान)
✅ पृष्ट संख्या (Pages) – 270
✅ Book Format – Paperback (Hard Copy)
✅ Language – हिंदी
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नैतिक शिक्षा केवल एक विषय नहीं है; यह जीवन का आधार है। यह हमें जीवन के सही और गलत का अंतर समझाने में सहायता करती है और एक आदर्श व्यक्ति बनने के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है।
नैतिक शिक्षा हमें अनुशासन, सहिष्णुता, और ईमानदारी जैसे गुणों को विकसित करने में सहायता करती है। यह हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाकर हमें एक जिम्मेदार और सशक्त नागरिक बनाती है।
नैतिक मूल्यों से सुसज्जित व्यक्ति अपने परिवार और समाज के लिए आदर्श बनता है। सत्य, अहिंसा, और सेवा जैसे गुण एक शांतिपूर्ण और सुखद समाज के निर्माण में सहायक होते हैं।
बच्चों के नैतिक विकास पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। बाल्यकाल में सिखाए गए नैतिक मूल्य उन्हें जीवनभर सही मार्ग पर चलने में सहायता करते हैं।
नैतिक शिक्षा हमें जीवन की कठिनाइयों को स्वीकारने और उनसे निपटने का दृष्टिकोण प्रदान करती है। यह हमें सिखाती है कि सच्चाई और कर्म का मार्ग ही सबसे श्रेष्ठ है।
नैतिक शिक्षा व्यक्ति को आत्मा की शुद्धता और परमात्मा की निकटता का अनुभव कराती है। यह व्यक्ति के जीवन में शांति और स्थिरता लाती है।
Key Highlights:
1. यह पुस्तक किसके लिए है?
यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो सनातन धर्म को गहराई से समझना चाहते हैं – चाहे आप धार्मिक हों या जिज्ञासु, यह पुस्तक हर किसी के लिए उपयुक्त है।
2. क्या इस पुस्तक में केवल शास्त्र प्रमाण हैं?
इस पुस्तक में शास्त्र प्रमाण के साथ-साथ तर्क और वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किए गए हैं, ताकि सनातन धर्म की समझ पूरी तरह से प्रमाणिक और तर्कसंगत हो।
3. क्या पुस्तक की सामग्री को सरल भाषा में प्रस्तुत किया गया है?
हाँ, पुस्तक की भाषा सरल और स्पष्ट है ताकि हर पाठक इसे आसानी से समझ सके।
आज की भागदौड़ भरी और प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया में नैतिक शिक्षा का महत्व और भी बढ़ गया है। यह हमें केवल व्यक्तिगत विकास ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए भी प्रेरित करती है।
“नैतिक शिक्षा (व्यक्तिगत विकास का आधार)” पुस्तक में इन सभी पहलुओं को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसे पढ़कर आप स्वयं भी प्रेरित होंगे और दूसरों को भी प्रेरणा देंगे।
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विषय सूची
1. नैतिकता का अर्थ और महत्व
2.नैतिक शिक्षा के स्रोत
3.नैतिक मूल्यों का परिचय और उनका महत्व
4.नैतिक मूल्यों का जीवन पर प्रभाव
5.रामायण की नैतिक शिक्षाएं
Weight | 1 kg |
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Dimensions | 16 × 16 × 16 cm |
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Very important and valuable book for every sanatani house 🏠
One of the best book for naitik shiksha with practical applications. many many thanks to the writer for this initiative it was must needed in current situation