हमारे शरीर के कई रोगों में भी पंचगव्य लाभकारी है।जानें इसके फायदे
आयुर्वेद के अनुसार रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए पंचगव्य को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता हैं। पंचगव्य देसी गाय से प्राप्त पांच चीजों से बनता है। इसमें सम्मिलित गाय का दूध, दही-छाछ , गोबर घी व गोमूत्र सम्मिलत हैं। स्वस्थ रहने के लिए पांचों को अन्य अन्य रूप में उपयोग करते हैं। आइए जानते है। उसके सबन्ध में
गौमाता का दूध
गाय के दूध में कैल्शियम, विटामिन बी-12, आयोडीन, पोटेशियम जैसे तत्त्व विद्यमान होते हैं। यह इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाकर कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता हैं।यह दिमाग, हड्डी और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
गौमाता का गोबर
गाय के गोबर के कंडों को जलाने से वातावरण शुद्ध हो जाता है। इसके साथ ही इसमें विद्यमान अर्क से तैयार क्रीम एक्जिमा, एलर्जी जैसे त्वचा के रोगों में इसका उपयोग होता है, यह एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल के गुणों से भरपूर होता है।
गोमाता का मूत्र
गौमाता के मूत्र से निकाला हुवा अर्क को ही हम दवा के रूप में उपयोग करते है। इसमे 15% पानी, 2.5% यूरिया, मिनरल्स, एंजाइम्स, पोटेशियम, विटामिन्स और सोडियम सभी 2.5% की मात्रा में होते हैं। यह हृदय रोग, कैंसर, टीबी, पीलिया, येसे कई रोगों में लाभकारी होता हैं।
लेकिन इसे चिकित्सक की सलाह से उपयोग करना चाइए लेकिन इसे हम ये ग्लास पानी मे एक या दो बूंद डालकर पी सकते है।
गौमाता के दूध से बना दही
गाय के बने दूध के दही में कैल्शियम, विटामिंस, प्रोटीन, मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं। यह बच्चों व बड़ों में पाचनक्रिया को मजबूत करने और भूख बढ़ाने का कार्य करता
शुद्ध देशी घी
देसी गाय के बने घी में कैल्शियम, विटामिन-ए, डी व ई ,प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह दिमाग व शारीरिक विकास के लिए फायदेमंद है। इससे आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है और मिर्गी, लकवा, कमजोरी, जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस व याददाश्त में सुधार का कार्य करने में सछम होता है। घी का उपयोग हम भोजन में करने के साथ साथ घी का प्रयोग औषधियां को तैयार करने के लिए किया जाता हैं।