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पंचगव्य के फायदे

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पंचगव्य

आयुर्वेद के अनुसार इसका अर्थ पञ्च + गव्य ,पांच पदार्थों का संग्रह है जिसमें गौ मूत्र, गाय का गोबर, दूध, दही, घी इन्हें संयुक्त रूप से पंचगव्य कहते है हमारे शरीर के कई रोगों के निदान में भी यह लाभकारी है।

पंचगव्य के फायदे

आयुर्वेद के अनुसार पंचगव्य के कई फायदे/लाभ  बताए गए हैं   रोगों से मुक्ति दिलाने के लिए इसे औषधि के रूप में उपयोग किया जाता हैं। यह देसी गाय से प्राप्त पांच चीजों से बनता है। इसमें सम्मिलित गाय का दूध, दही-छाछ,गोबर घी व गोमूत्र सम्मिलत हैं। स्वस्थ रहने के लिए पांचों को अन्य अन्य रूप में उपयोग करते हैं। आइए जानते है। उसके सबन्ध में

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गौमाता का दूध

गाय के दूध में कैल्शियम, विटामिन बी-12, आयोडीन, पोटेशियम जैसे तत्त्व विद्यमान होते हैं। यह इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाकर कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करता हैं।यह दिमाग, हड्डी और मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।

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गौमाता का दूध

गौमाता (गाय) का दूध एक प्रमुख पंचगव्य पदार्थ है और आयुर्वेद में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है। गौमाता का दूध निम्नलिखित तत्वों से भरपूर होता है:

  1. प्रोटीन: गौमाता का दूध उच्च मात्रा में प्रोटीन प्रदान करता है, जो शरीर के उत्पादन, पुनर्निर्माण और मुख्यतः मांसपेशियों के विकास में मदद करता है।
  2. कैल्शियम: गौमाता का दूध कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों, दांतों, नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
  3. विटामिन D: गौमाता का दूध विटामिन D का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो कैल्शियम के संश्लेषण और हड्डी स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
  4. विटामिन B12: गौमाता का दूध विटामिन B12 का एक अच्छा स्रोत है, जो रक्त निर्माण, संपीड़न और स्वास्थ्यप्रद न्यूरोलॉजिकल कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है।
  5. आयरन: गौमाता का दूध आयरन को भी प्रदान करता है, जो हेमोग्लोबिन उत्पादन, रक्त वाहिनी संरचना और ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।

गौमाता का दूध स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान कर सकता है, जैसे कि ऊर्जा उत्पादन, मांसपेशियों का विकास, हड्डी स्वास्थ्य, रक्त निर्माण, न्यूरोलॉजिकल कार्यों का सुनिश्चित करना और इम्यून सिस्टम को मजबूत करना।

गौमाता का गोबर

गाय के गोबर के कंडों को जलाने से वातावरण शुद्ध हो जाता है। इसके साथ ही इसमें विद्यमान अर्क से तैयार क्रीम एक्जिमा, एलर्जी जैसे त्वचा के रोगों में इसका उपयोग होता है, यह एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल के गुणों से भरपूर होता है।

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गौमाता का गोबर

गौमाता (गाय) का गोबर (उपयोगिता में) भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही उपयोग होता रहा है। गोमय या गौमाता का गोबर विभिन्न उपयोगों के लिए प्रयोग किया जाता है और इसके निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

  1. उपयोगिता का स्रोत: गोमय शेषश्वी चरायमान पदार्थ होता है और उसे विभिन्न उपयोगों के लिए समर्पित किया जाता है। इसे गोबर पथरी, ईंधन, उपाहर, रंगीन गोले, अंधश्रद्धा निवारण, औषधि बनाने, खेती में उपयोग आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  2. उर्वरक के रूप में: गोमय को खेती में उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह मिट्टी को पोषित करता है, पौधों के विकास को सुविधाजनक बनाता है और पृथ्वी की उर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
  3. वातावरणिक उपयोग: गोमय को धूप और धूनी के लिए उपयोग किया जाता है, जिससे वातावरण को शुद्ध किया जा सकता है। इसे धूनी के रूप में घरों में जलाया जाता है, जिससे कीटों, आवासीय जीवों और मिट्टी के कीटाणुओं को दूर किया जा सकता है।
  4. धार्मिक उपयोग: गोमय को धार्मिक कार्यों में उपयोग किया जाता है, जैसे पूजा, हवन, यज्ञ, व्रत, गृह प्रवेश, वास्तु शुद्धि आदि में। इसे पवित्र माना जाता है और शुभता और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में उपयोग किया जाता है।

गोमाता का मूत्र

गौमाता के मूत्र से निकाला हुवा अर्क को ही हम दवा के रूप में उपयोग करते है। इसमे 15% पानी, 2.5% यूरिया, मिनरल्स, एंजाइम्स, पोटेशियम, विटामिन्स और सोडियम सभी 2.5% की मात्रा में होते हैं। यह हृदय रोग, कैंसर, टीबी, पीलिया, येसे कई रोगों में लाभकारी होता हैं। लेकिन इसे चिकित्सक की सलाह से उपयोग करना चाइए लेकिन इसे हम ये ग्लास पानी मे एक या दो बूंद डालकर पी सकते है।

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गोमाता का मूत्र

गोमाता (गाय) का मूत्र भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही उपयोग होता रहा है। गोमूत्र विभिन्न उपयोगों के लिए प्रयोग किया जाता है और इसके कुछ फायदे हो सकते हैं:

  1. गोमूत्र की शुद्धि: गोमूत्र को शुद्ध करके विभिन्न रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रमुख घटक के रूप में माना जाता है और उसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण महत्वपूर्ण माना जाता है।
  2. पौधों के लिए उर्वरक: गोमूत्र को खेती में उर्वरक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पौधों को पोषित करता है, उनके विकास को सुविधाजनक बनाता है और पृथ्वी की उर्जा को बनाए रखने में मदद करता है।
  3. पशुओं के उपचार में: गोमूत्र को पशुओं के रोगों के इलाज में उपयोग किया जाता है। इसके विशेषताएं एंटीमाइक्रोबियल, एंटीफंगल और रोगनाशी गुणों की वजह से इसे पशुओं के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी माना जाता है।
  4. अन्य उपयोग: गोमूत्र को अन्य कई उपयोगों के लिए भी उपयोग किया जाता है, जैसे नदी और तालाबों के प्रदूषण को कम करने, घर की सफाई में उपयोग, उच्च गुणवत्ता वाले बैक्टीरियल मानकों के लिए उपयोग, धार्मिक आयोजनों और पूजा में उपयोग आदि।

गौमाता के दूध से बना दही

गाय के दूध से बने दही में कैल्शियम, विटामिंस, प्रोटीन, मिनरल्स अच्छी मात्रा में पाया जाता हैं। यह बच्चों व बड़ों में पाचनक्रिया को मजबूत करने और भूख बढ़ाने का कार्य करता है

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गौमाता के दूध से बना दही

गौमाता (गाय) के दूध से बनी दही एक प्रमुख दैनिक खाद्य पदार्थ है और भारतीय भोजन परंपरा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गौमाता के दूध को पवित्र माना जाता है और दही उसके द्वारा बनाई जाती है, जो रोगों से लड़ने में मदद करने और पोषक तत्वों की आपूर्ति करने में सहायक हो सकती है। यहां कुछ गौमाता के दूध से बनी दही के लाभ हैं:

  1. पोषण का स्रोत: गौमाता के दूध से बनी दही में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी12, विटामिन डी, रिबोफ्लाविन, आयरन, जिंक, आदि के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे शरीर को महत्वपूर्ण पोषण मिलता है और सामग्रीयों की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।
  2. पाचन तंत्र को सुधारती है: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आपके पाचन तंत्र को सुधारक रूप में कार्य कर सकते हैं। इससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है, पेट संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है और आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है।
  3. आंत्र को सुरक्षा प्रदान करती है: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आपकी आंत्र की सेहत को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। ये आंत्र में अच्छी बैक्टीरिया संख्या को बढ़ाने और हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं। इससे पाचन और आंत्र संबंधी समस्याएं कम हो सकती हैं।
  4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है: दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। इससे आपका शरीर संक्रमण से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है और आपको स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।

शुद्ध देशी घी

देसी गाय के घी में कैल्शियम, विटामिन-ए, डी व ई ,प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह दिमाग व शारीरिक विकास के लिए फायदेमंद है। इससे आंखों की रोशनी दुरुस्त रहती है और मिर्गी, लकवा, कमजोरी, जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस व याददाश्त में सुधार का कार्य करने में सछम होता है। घी का उपयोग हम भोजन में करने के साथ साथ घी का प्रयोग औषधियां को तैयार करने के लिए किया जाता हैं।

 

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शुद्ध देशी घी

शुद्ध देशी घी एक प्रमुख घी की विधा है जो गौमाता (गाय) के दूध से बनाई जाती है। इसे आयुर्वेदिक आहार और चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके कई लाभ होते हैं। यहां कुछ शुद्ध देशी घी के लाभ हैं:

  1. आंत्र की सेहत: शुद्ध देशी घी आंत्र की सेहत को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह आंत्र में लगातार अपनाए जाने वाले विभिन्न प्रोबायोटिक्स के स्रोत होता है, जो आंत्र में अच्छी बैक्टीरिया संख्या को बढ़ाते हैं और आंत्रिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं।
  2. दिमाग की शक्ति: देशी घी में मौजूद विटामिन और शामिल के प्राकृतिक तत्व दिमाग की शक्ति और कार्यक्षमता को बढ़ा सकते हैं। यह सोचने, याद करने, समझने और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को सुधारने में मदद करता है।
  3. पोषण में सुधार: शुद्ध देशी घी में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे शरीर को पूर्ण और संतुलित पोषण मिलता है और सामग्रीयों की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।
  4. शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: देशी घी में मौजूद तत्व शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं। यह ताकत और ऊर्जा को बढ़ाता है, शरीर की क्षमता को मजबूत करता है, हड्डियों को सुदृढ़ करता है, मस्तिष्क को स्थिरता प्रदान करता है और मानसिक स्थिति को सुधारता है।

पंचगव्य, जो कि पांच गौवत्व पदार्थों को संकेत करता है, विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक और गौविग्यानिक उपचारों में प्रयोग किया जाता है। ये पांच पदार्थ हैं: गौमूत्र (गौ के मूत्र), गोमय (गौ का गोबर), दुग्ध (गौ का दूध), दही (गौ का दही) और घृत (गौ का घी)। पंचगव्य के फायदे निम्नलिखित प्रमुख हो सकते हैं:

  1. पौष्टिकता: पंचगव्य आपको उच्च गुणवत्ता वाले पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। यह प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, एमिनो एसिड्स, एंजाइम्स और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत हो सकता है।
  2. रोग प्रतिरोधक शक्ति: पंचगव्य में मौजूद तत्वों की मदद से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण आपको विभिन्न रोगों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
  3. पौष्टिकता और प्रतिरोधक क्षमता का संतुलन: पंचगव्य में मौजूद तत्वों का संयोजन आपकी पौष्टिकता और प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित कर सकता है, जिससे आपके शरीर की सामरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सकता है।
  4. शुद्धि और स्नान के लाभ: गौमूत्र और गोमय को त्वचा की सफाई और रोगों से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है। इनका नियमित उपयोग त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद कर सकता है। दही और घृत को स्नान या शरीर पर लगाने से भी त्वचा को आराम और ताजगी मिल सकती है।

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1 thought on “पंचगव्य के फायदे”

  1. I m Dr. Viren Sheth consultant naturopath from Gujarat…

    I m interested in ur ayurvedic medicine,
    Which is made from the principal of panchgavya !!

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