यह मानव धर्म दर्शन पुस्तक, स्थितप्रज्ञ संस्थान द्वारा वेद तथा शास्त्रों का अध्यन करके सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए लिखा गया है। यह संस्था गुरुकुल एवं वैदिक शास्त्रों का प्रचार प्रसार के लिए प्रयासरत है । गौ श्रेष्ठ संस्थान अपनी आय का 10% वैदिक संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए देते आए हैं एवं इस पुस्तक के द्वारा प्राप्त संपूर्ण राशि का उपयोग स्थितप्रज्ञ संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए दिया जाएगा । अतः आपसे अनुरोध है कि स्थितप्रज्ञ संस्थान के उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपनी सहभागिता प्रदान करें । धन्यवाद ।।
इस पुस्तक को लिखने के पीछे का स्थितप्रज्ञ संस्थान का उद्देश्य मानव मात्र को सनातन धर्म तथा उसके सिद्धांतों के बारे में अवगत कराना है I आधुनिकता के इस दौर में सनातन संस्कृति केवल नाम मात्र की रह गई है I हम भूल चुके हैं कि हम किस महान संस्कृति के ध्वजवाहक है I यह पुस्तक पूर्ण रूप से वेद, उपनिषदों, तथा षड्दर्शन पर आधारित है I प्रत्येक मनुष्य के मन में स्वत: उठने वाले प्रश्नों का उत्तर इस पुस्तक में हमने गहन शास्त्र अध्ययन के पश्चात एकत्र करने का प्रयास किया है I हमारे शास्त्रों और वेदों की जो शिक्षाएं हैं उसको आज हम भूल बैठे हैं I उसी शिक्षा को हम घर-घर तक पहुंचाना चाहते हैं क्योंकि वैदिक और नैतिक शिक्षा के द्वारा ही इस समाज की उन्नति हो सकती है I भारत एक समय विश्व गुरु था I उसके पीछे का कारण भी यही था I तब हर घर में वेदों की शिक्षा दी जाती थी I गुरु शिष्य परंपरा के द्वारा नैतिक शिक्षा की बात होती थी I साथ ही साथ हमारा उद्देश्य गुरुकुल व्यवस्था को पुनर्स्थापित कर समाज में फैली कुरीतियों व गलत मान्यताओं तथा भ्रांतियों से लोगों को अवगत करवाना हैं, क्योंकि जब तक हम इससे ऊपर नहीं उठेंगे तब तक विश्व का कल्याण संभव नहीं है I
स्थितप्रज्ञ संस्था का उद्देश्य:-
- वैदिक शास्त्रों के अमृत रूपी ज्ञान को सरल शब्दों में विभिन्न माध्यमों द्वारा जनसाधारण तक पहुंचाना I प्रत्येक मनुष्य को वेद तथा शास्त्रों का पठन पाठन, स्वाध्याय तथा उनके अनुसार जीवन यापन करने के लिए प्रोत्साहित करना I
- यज्ञ तथा हवन की प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करना एवं उसकी उपयोगिता को घर-घर तक पहुंचाना
- शुद्ध वैदिक तथा जैविक कृषि कार्य हेतु को प्रोत्साहित करना I
- पर्यावरण तथा प्रकृति की रक्षा के प्रति लोगों को जागरुक करना I
- आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार स्वस्थ जीवन यापन एवं सरल तथा शुद्ध शाकाहार के प्रति जनमानस को प्रोत्साहित करना ।
- वैदिक सनातन धर्म एवं संस्कृति से सभी को अवगत कराना, एवं धर्म की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना एवं सब को एकजुट करना ।
- समाज में उपस्थित भेदभाव, जातिवाद तथा सामाजिक कुरीतियों एवं गलत मान्यताओं से लोगों को अवगत करवाना एवं दूर करने का प्रयास करना ।
- बालक-बालिकाओं की नैतिक शिक्षा के लिए कार्य करना I
- गुरुकुल की स्थापना के लिए प्रयत्नशील रहना I
- स्वदेशी उत्पादों को तथा स्वरोजगार को प्रोत्साहन देना एवं लोगों को उसके प्रति जागरूक करना
इस महान उद्देश्य की पूर्ति के लिए के लिए आप सभी का साथ प्रार्थनीय है I हमारी संस्था के साथ जुड़ने के लिए आप हमें कॉल, ईमेल अथवा हमारे वेबसाइट के द्वारा हमें कांटेक्ट कर सकते हैं I IIधन्यवाद II
Website- www.sthitpragya.org
Yet to read
All Items Good
👌
Very good concious book for sanatan dharma gyan To get the answer of these questions, we have to read many other types of books, it is a very good effort to include all in this one book.
Thank you very much
बहुत ही अच्छा प्रयास है कठिन विषयों को सरल शब्दों में बहुत ही अच्छी प्रकार से समझाया गया है आज के समय के अनुसार बहुत-बहुत धन्यवाद
बहुत-बहुत धन्यवाद