गोबर धूपबत्ती या अगरबत्ती पूजा के लिए कौन श्रेष्ठ है
हम सभी अपने जीवन में सुख और शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते है उपासना करते है सभी घरों में हर रोज पूजा-अर्चना होती है पूजा में हम अगरबत्ती या धूप का प्रयोग करते हैं। लेकिन पूजा में क्या उपयोग करे अगरबत्ती या गोबर धूप ? इस सम्बन्ध में अगरबत्ती को ना प्रयोग करने के लिए दो तरह के तर्क दिए जाते है I
1. धार्मिक मान्यता
हमारे शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि अगरबत्ती में बांस का प्रयोग होता है जिसका शास्त्रों में उपयोग वर्जित है। पूजा-पाठ में बांस के प्रयोग की मनाही है। क्योकि मृत्यु के बाद अर्थी में बांस की लकड़ी का प्रयोग होता है इस वजह से बॉस की लकड़ी को पूजा में इस्तेमाल नहीं करते हैं।
शास्त्रों में ये भी कहा गया है कि बांस को जलाने से पितृ दोष लगता है। शास्त्रों में पूजा विधान में कहीं भी अगरबत्ती के प्रयोग की बात नहीं होती है। हमारे ऋषि मुनि भी नित्य यज्ञ/हवन से पूजा उपासना करते थे I
2. वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक रिसर्च यह कहता है कि बांस में हेवी लेड और मेटल पाया जाता है। ये जलने पर खतरनाक ऑक्साइड बनाता है जो स्वास के लिए खतरनाक होता है। एवं अगरबत्ती बनाने में खुशबू के लिए जिस पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं जिसे फेथलेट बोलते हैं। जो पूर्ण रूप से केमिकल से बनाया जाता है नित्य प्रतिदिन स्वास्थ्य द्वारा इस केमिकल को लेने से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती हैं I
3. गाय के गोबर से बने धुप बत्ती ही क्यों ?
अगरबत्ती के स्थान पर हम गोबर एवं हवन सामग्री से बने धूप का प्रयोग कर सकते है | हमारे शास्त्रों में गाय को माता कहा जाता है गौ माता के दूध, दूध से बने घी, गोबर, गौमूत्र सभी चीजे एक दिव्य पदार्थ है गोबर से बने धूप का ही उपयोग पूजा ,यज्ञ/हवन ईश्वर उपासना में करना सर्वथा उचित बताया गया है |गोबर से बने धूप के उपयोग से एक आध्यात्मिक अनुभूति होती है साथ ही इसके धुए से वातावरण भी प्रदूषित नहीं होता, इसमें उपस्थित तत्व आसपास हवा में मौजूद विषाणुओं का खत्म कर देता है। गोबर से बने dhoop batti में किसी भी प्रकार का केमिकल एवं कृत्रिम सुगंध का उपयोग नहीं किया जाता है जिससे यहां पूरी तरह से सभी के लिए सुरक्षित है किसी भी प्रकार की हानि नहीं है इस कारण इसका सकारात्मक प्रभाव स्वास्थ्य पर एवं वातावरण पर देखा जाता है इसलिए अगरबत्ती की जगह धूप का ही प्रयोग उचित एवं श्रेष्ठ है।
गोबर से बने धूपबत्ती में केवल देसी गौ माता का गोबर ही नहीं इसमें हवन सामग्री, भीमसेनी कपूर, गुग्गुल, जटामासी, लॉन्ग, नीम, तुलसी, गोमूत्र अर्क, देसी गौ माता का घी आदि अनेक तत्वों के मिश्रण किया जाता है
इसलिए देसी गौ माता के गोबर बने गौश्रेष्ट प्राकृतिक धूपबत्ती का ही उपयोग करें और अपने परिवार को केमिकल के जहर से बचाए I
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