गोबर धूपबत्ती
गोबर धूपबत्ती पूजा में उपयोग की जाने वाली एक प्रकार की धूप है। यह गाय के गोबर से बनाई जाती है। गोबर धूपबत्ती या अगरबत्ती पूजा के लिए श्रेष्ठ कौन? गोबर धूपबत्ती का इस्तेमाल धार्मिक आयोजनों में बहुत प्राचीन समय से किया जाता रहा है। इसे धूप रूपी बत्ती के रूप में पूजा मंदिरों और घरों में जलाया जाता है। गोबर धूपबत्ती को धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसमें गाय के गोबर के गुणों का ध्यान रखा जाता है। इसका धूप उधारण किया जाता है कि इसे जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म होता है और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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गोबर धूपबत्ती, जो कि गोमय धूपबत्ती के रूप में भी जानी जाती है, गोमय (गाय के गोबर) से बनी हुई धूपबत्ती होती है जिसका उपयोग आध्यात्मिक और रिक्तियों के पूजन के दौरान किया जाता है। यह धूपबत्ती गोमय को शुष्क करके बनाई जाती है और उसे जलाकर यज्ञ के दौरान या पूजा के समय आरती आदि के लिए उपयोग किया जाता है।गोबर धूपबत्ती या अगरबत्ती पूजा के लिए श्रेष्ठ कौन? आईये जानते हैं गोबर धूपबत्ती के उपयोग के कुछ प्रमुख फायदे शामिल हो सकते हैं:
- पवित्रता का आभास: गोमय धूपबत्ती का उपयोग पवित्रता का आभास कराता है। गोमय को स्वयं पवित्र माना जाता है और उसका जलने से निकलने वाला धुंधला सा धुआं आत्मीयता और शुद्धता का अनुभव कराता है।
- स्थिरता का आभास: गोमय धूपबत्ती का उपयोग स्थिरता और शांति का आभास कराता है। इसकी सुगंध शांतिपूर्ण होती है और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करती है।
- देवी-देवता की आराधना: धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में गोबर धूपबत्ती का उपयोग देवी-देवताओं की आराधना के दौरान किया जाता है। यह आरती, पूजा और यज्ञ में उपयोग करके उनकी सन्तुष्टि और आशीर्वाद को आकर्षित करने के लिए समर्पित होता है।
- संतुलन की स्थापना: गोबर धूपबत्ती का उपयोग मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन को स्थापित करने में मदद कर सकता है। यह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है और ध्यान, धारणा, और आध्यात्मिक प्रक्रियाओं को समर्थन करता है।
- धार्मिक महत्त्व: गोबर धूपबत्ती का उपयोग हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व रखता है। यह आध्यात्मिक और शुभता की भावना को प्रकट करने के लिए उपयोग होता है।
अगरबत्ती
अगरबत्ती एक प्रकार की धूप है जिसे जलाकर आरती, पूजा, ध्यान और मेधावी गतिविधियों के दौरान उपयोग किया जाता है। इसमें विभिन्न सुगंधित रसायनों और अनुष्ठानिक चिपकाव के लिए उपयुक्त घटकों का मिश्रण होता है।
हम सभी अपने जीवन में सुख और शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते है उपासना करते है सभी घरों में हर रोज पूजा-अर्चना होती है पूजा में हम अगरबत्ती या धूप का प्रयोग करते हैं। लेकिन पूजा में क्या उपयोग करे अगरबत्ती या गोबर धूप ? इस सम्बन्ध में अगरबत्ती को ना प्रयोग करने के लिए दो तरह के तर्क दिए जाते है I
1. धार्मिक मान्यता
हमारे शास्त्रों में ऐसा कहा जाता है कि अगरबत्ती में बांस का प्रयोग होता है जिसका शास्त्रों में उपयोग वर्जित है। पूजा-पाठ में बांस के प्रयोग की मनाही है। क्योकि मृत्यु के बाद अर्थी में बांस की लकड़ी का प्रयोग होता है इस वजह से बॉस की लकड़ी को पूजा में इस्तेमाल नहीं करते हैं।
शास्त्रों में ये भी कहा गया है कि बांस को जलाने से पितृ दोष लगता है। शास्त्रों में पूजा विधान में कहीं भी अगरबत्ती के प्रयोग की बात नहीं होती है। हमारे ऋषि मुनि भी नित्य यज्ञ/हवन से पूजा उपासना करते थे I
2. वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिक रिसर्च यह कहता है कि बांस में हेवी लेड और मेटल पाया जाता है। ये जलने पर खतरनाक ऑक्साइड बनाता है जो स्वास के लिए खतरनाक होता है। एवं अगरबत्ती बनाने में खुशबू के लिए जिस पदार्थ का इस्तेमाल करते हैं जिसे फेथलेट बोलते हैं। जो पूर्ण रूप से केमिकल से बनाया जाता है नित्य प्रतिदिन स्वास्थ्य द्वारा इस केमिकल को लेने से विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती हैं I
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गोबर धूपबत्ती या अगरबत्ती पूजा के लिए कौन श्रेष्ठ है ?
श्रेष्ठता का मापदंड
श्रेष्ठता का मानदंड पूजा के आवश्यकताओं और आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा। यह आपकी पसंद, परंपरा और आपकी आध्यात्मिक आदर्शों पर भी निर्भर करेगा। आपको इन दोनों में से अपनी पसंद को चुनना चाहिए, जिसे आपको ध्यान में रखते हुए पूजा के दौरान उपयोग कर सकें।
गाय के गोबर से बने धुप बत्ती ही क्यों ?
अगरबत्ती के स्थान पर हम गोबर एवं हवन सामग्री से बने धूप का प्रयोग कर सकते है | हमारे शास्त्रों में गाय को माता कहा जाता है गौ माता के दूध, दूध से बने घी, गोबर, गौमूत्र सभी चीजे एक दिव्य पदार्थ है गोबर से बने धूप का ही उपयोग पूजा ,यज्ञ/हवन ईश्वर उपासना में करना सर्वथा उचित बताया गया है |गोबर से बने धूप के उपयोग से एक आध्यात्मिक अनुभूति होती है साथ ही इसके धुए से वातावरण भी प्रदूषित नहीं होता, इसमें उपस्थित तत्व आसपास हवा में मौजूद विषाणुओं का खत्म कर देता है। गोबर से बने dhoop batti में किसी भी प्रकार का केमिकल एवं कृत्रिम सुगंध का उपयोग नहीं किया जाता है जिससे यहां पूरी तरह से सभी के लिए सुरक्षित है किसी भी प्रकार की हानि नहीं है इस कारण इसका सकारात्मक प्रभाव स्वास्थ्य पर एवं वातावरण पर देखा जाता है इसलिए अगरबत्ती की जगह धूप का ही प्रयोग उचित एवं श्रेष्ठ है।
गोबर धूपबत्ती का उपयोग प्राचीन काल से हो रहा है और यह हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है। गोबर को प्राकृतिक और शुद्ध माना जाता है और इसे पूजा और हवन में उपयोग करने से स्वच्छता, पुनर्जन्म, और धार्मिकता की भावना जुड़ी होती है। इसलिए, यदि आप पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए एक प्राकृतिक और पवित्र स्रोत की तलाश में हैं, तो गोबर धूपबत्ती श्रेष्ठ हो सकती है।
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गोबर से बने धूपबत्ती में केवल देसी गौ माता का गोबर ही नहीं इसमें हवन सामग्री, भीमसेनी कपूर, गुग्गुल, जटामासी, लॉन्ग, नीम, तुलसी, गोमूत्र अर्क, देसी गौ माता का घी आदि अनेक तत्वों के मिश्रण किया जाता है
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इसलिए देसी गौ माता के गोबर बने गौश्रेष्ठ प्राकृतिक धूपबत्ती का ही उपयोग करें और अपने परिवार को केमिकल के जहर से बचाए I
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What is The Cow Dung Dhoop Benefits ?